VPN एक ऐसी नेटवर्क टेक्नोलॉजी है जिसमे पब्लिक इंटरनेट नेटवर्क को सिक्योर कनेक्शन बनाया जाता है। तो दोस्तों आज हम बात करेंगे VPN के बारे में, VPN क्या है? What is VPN ? यह कैसे काम करता है ? इसके कितने प्रकार होते है।
आप तो जानते ही है की, आजकल तो सब मोबाईल, लैपटॉप use कर रहे है, तो उनमे VPN का उपयोग कैसे किया जाता है इन सबके बारे में आज हम आपको इस पोस्ट में बतायेंगे।
इसकी मदद लेकर आप अपने personal data को हैकर से बचाकर कही पर भी ट्रांसफर कर सकते है। यह सभी तरह के data यानि जो important हो या किसी काम के ना हो ऐसे सभी प्रकार के data को सिक्युअर करता है।
VPN Service या Virtual Private Network का उपयोग ज्यादातर Education Institutions, Company, Government Agencies और online काम करनेवाले ट्रेडर्स करते है क्योकिं वह अपने important data को हैकर से बचाकर रख सके और साथ ही साथ वह अपने personal data को भी secure रखने के लिए VPN का उपयोग करते है।
VPN नेटवर्क आप पैसे देकर भी ख़रीद सकते है या फिर यह नेटवर्क आपको फ्री में भी मिल सकता है। अगर आप किसी vpn को खरीदते है तो उसमे आपको बहुत से features मिलेंगे या आपने फ्री वाला VPN use किया तो इसकी कुछ limitation होती है।
जब हम VPN के बिना अपने मोबाइल में Internet use कर रहे है, तो हमारा डिवाइस एक लोकल नेटवर्क पर काम कर रहा होता है इससे हम किसी हैकर के जरिये बहुत आसानी से हैक किये जा सकते है और साथ ही साथ हमारे देश में block website को open भी नही कर सकते,
अगर आप अपने मोबाइल को VPN से कनेक्ट करेंगे तो यह एक स्पेशल network से कनेक्ट हो जाता है और तब VPN अपना काम शुरू कर देता है और इसकी मदद से आप अपने सभी data को सिक्योर रख सकते है और सुरक्षित तरीके से कही पर भी ट्रांसफर कर सकते है और ब्लॉक हुई website को भी ओपन करके देख सकते है।
अपने डिवाइस को VPN कनेक्ट करने के बाद हम किसी भी block हुई वेबसाइट को ओपन करके देखते है तो यह VPN ब्लॉक वेबसाइट पर यूज़र Request Send करके आपकी साइट का सभी data आपके डिवाइस पर दिखाई दिया जाता है।
अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर जो Internet काम कर रहा होता है उसका एक IP Address होता है जिससे आपकी डिवाइस के लोकेशन का पता चल सकता है।
आप कोई website ओपन करते है तो वह रिक्वेस्ट आपकी IP Address के साथ उस website की server तक पहुंच जाती है। इस तरह से सर्वर को आपकी डिवाइस location का पता चलता है और आपकी डिवाइस का सभी data दिख जाता है।
अगर आपका VPN वेबसाइट ओपन करने के पहले ही activate किया हुआ है तो सबसे पहले आपकी रिक्वेस्ट tunnel के द्वारा encrypted form में वी पी न सर्वर तक जाएगी और यह VPN उस request के IP Address को छुपालेगा।
VPN में आपके IP Address को change किया जाता है और आप कहा से Internet access कर रहे है इसका VPN से पता नही चलता इससे ही आपको ज्यादा से ज्यादा security मिलती है।
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तो दोस्तों उम्मीद करते है की, VPN क्या है, What is VPN ,यह कैसे काम करता है और इसके प्रकार के बारे में पूरी जानकारी मिली होंगी। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तों में शेयर करे और हमे comments करके बताये।
आप तो जानते ही है की, आजकल तो सब मोबाईल, लैपटॉप use कर रहे है, तो उनमे VPN का उपयोग कैसे किया जाता है इन सबके बारे में आज हम आपको इस पोस्ट में बतायेंगे।
What Is VPN in Hindi? VPN क्या है?
VPN यह एक नेटवर्क टेक्नोलॉजी है जिसका पूरा नाम " Virtual Private Network " है। इसका उपयोग प्राइवेट नेटवर्क और वाईफाई को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।इसकी मदद लेकर आप अपने personal data को हैकर से बचाकर कही पर भी ट्रांसफर कर सकते है। यह सभी तरह के data यानि जो important हो या किसी काम के ना हो ऐसे सभी प्रकार के data को सिक्युअर करता है।
VPN Service या Virtual Private Network का उपयोग ज्यादातर Education Institutions, Company, Government Agencies और online काम करनेवाले ट्रेडर्स करते है क्योकिं वह अपने important data को हैकर से बचाकर रख सके और साथ ही साथ वह अपने personal data को भी secure रखने के लिए VPN का उपयोग करते है।
VPN नेटवर्क आप पैसे देकर भी ख़रीद सकते है या फिर यह नेटवर्क आपको फ्री में भी मिल सकता है। अगर आप किसी vpn को खरीदते है तो उसमे आपको बहुत से features मिलेंगे या आपने फ्री वाला VPN use किया तो इसकी कुछ limitation होती है।
VPN कैसे काम करता है? How VPN Works in Hindi?
Virtual Private Network या VPN का महत्त्वपूर्ण काम यह है की, कोई भी व्यक्ति Internet पर जो भी काम करते है उन सभी data को सिक्योर करने का काम करता है।जब हम VPN के बिना अपने मोबाइल में Internet use कर रहे है, तो हमारा डिवाइस एक लोकल नेटवर्क पर काम कर रहा होता है इससे हम किसी हैकर के जरिये बहुत आसानी से हैक किये जा सकते है और साथ ही साथ हमारे देश में block website को open भी नही कर सकते,
अगर आप अपने मोबाइल को VPN से कनेक्ट करेंगे तो यह एक स्पेशल network से कनेक्ट हो जाता है और तब VPN अपना काम शुरू कर देता है और इसकी मदद से आप अपने सभी data को सिक्योर रख सकते है और सुरक्षित तरीके से कही पर भी ट्रांसफर कर सकते है और ब्लॉक हुई website को भी ओपन करके देख सकते है।
अपने डिवाइस को VPN कनेक्ट करने के बाद हम किसी भी block हुई वेबसाइट को ओपन करके देखते है तो यह VPN ब्लॉक वेबसाइट पर यूज़र Request Send करके आपकी साइट का सभी data आपके डिवाइस पर दिखाई दिया जाता है।
अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर जो Internet काम कर रहा होता है उसका एक IP Address होता है जिससे आपकी डिवाइस के लोकेशन का पता चल सकता है।
आप कोई website ओपन करते है तो वह रिक्वेस्ट आपकी IP Address के साथ उस website की server तक पहुंच जाती है। इस तरह से सर्वर को आपकी डिवाइस location का पता चलता है और आपकी डिवाइस का सभी data दिख जाता है।
अगर आपका VPN वेबसाइट ओपन करने के पहले ही activate किया हुआ है तो सबसे पहले आपकी रिक्वेस्ट tunnel के द्वारा encrypted form में वी पी न सर्वर तक जाएगी और यह VPN उस request के IP Address को छुपालेगा।
VPN में आपके IP Address को change किया जाता है और आप कहा से Internet access कर रहे है इसका VPN से पता नही चलता इससे ही आपको ज्यादा से ज्यादा security मिलती है।
Types of VPN ( वीपीन के प्रकार ) :-
PPTP VPN , Site-to-Site VPN और IPsec VPN यह तीन VPN के प्रकार है और यह प्रकार आर्किटेक्चर, उपयोग का उद्देश्य और एक्सेसिबिलिटी के आधार पर किये गये है इसका विश्लेषण नीचे दिया गया है।1) Site to Site VPN
Site-to-Site VPN यह Router-to-Router VPN के नाम से भी जाना जाता है इस प्रकार के VPN में एक ही ऑर्गेनाइजेशन होता है जो अपनी अलग अलग sites होती है जिसमे हर एक का अपना अपना अलग नेटवर्क भी होता है जो VPN बनाने के लिए एक साथ जोड़ते है।2) Point to Point Tunneling Protocol ( PPTP VPN )
PPTP के जरिये हम अपने किसी भी data को एक node से किसी दूसरे node में सुरक्षित तरीके से भेज सकते है और यह data या message को सुरक्षित तरीके से tunnels में से गुजारते है जिससे इसे कोई भी देख नही पाता।3) Internet Protocol Security (IPsec vpn)
Internet Protocol Security या IPsec यह प्रोटोकॉल जो रिमोट साइट से सेंट्रल साइट पर tunnel setup करता है और इसके नाम से पता चलता है की यह एक IP traffic के लिए डिज़ाइन किया जाता है। IPsec के लिए एक महंगे और ज्यादा से ज्यादा समय लेने वाले क्लाईंट Installations की जरूरत होती है और यही इसका सबसे बड़ा दोष मानने का एक कारण है।ये भी पढ़े :-
१) All Types of Computer | कंप्यूटर के प्रकार की पूरी जानकारी।
२) Computer Function Keys F1 to F12 की पूरी जानकारी।
तो दोस्तों उम्मीद करते है की, VPN क्या है, What is VPN ,यह कैसे काम करता है और इसके प्रकार के बारे में पूरी जानकारी मिली होंगी। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तों में शेयर करे और हमे comments करके बताये।
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